PMJAY-MA योजना : गुजरात में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 50 लाख PMJAY-MA कार्ड वितरित किए गए, जिससे आवेदन की आवश्यकता समाप्त हो गई है, और प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कार्यक्रम के माध्यम से आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए हैं।
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PMJAY-MA योजना क्या है?
- PMJAY-MA योजना एक सरकारी योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब लोगों को उनके बीमारियों के इलाज के लिए पैसों की चिंता से मुक्ति दिलाना है।
पीएमजेएवाई-एमए योजना कैसे शुरू हुई योजना?
- 2012 में, गुजरात के मुख्यमंत्री ने “मुख्यमंत्री अमृतम योजना” की शुरुआत की, जिसमें 4 लाख रुपए सालाना आय सीमा वाले परिवारों को बीमा कवर मिलना शुरू हुआ.
एकीकरण की बातें
- 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की दो स्वास्थ्य योजनाओं को “आयुष्मान भारत कार्ड योजना” के तहत एकत्रित कर दिया।
PMJAY-MA कार्ड क्या है?
- इस योजना के अंतर्गत गुजरात में 1.58 करोड़ लोगों को PMJAY-MA कार्ड जारी किए गए हैं।
किनके लिए है यह PMJAY-MA योजना?
- इस योजना के तहत, हर परिवार को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर मिलेगा।
- बिना किसी आय या उम्र सीमा के, अस्पताल में इलाज के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
PMJAY-MA योजना के लाभ
- PMJAY-MA कार्ड प्राप्त करके आप चिंता मुक्त होकर बीमारियों का इलाज करवा सकते हैं।
- यह कार्ड आपको सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज करवाने की सुविधा देता है।
PMJAY-MA योजना का उद्देश्य
- इस योजना के उद्देश्य गरीब लोगों को उनके बीमारियों से बचाने और उनके इलाज की चिंता से मुक्ति दिलाना है।
- यह सुविधा उन्हें आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत सूचीबद्ध प्राइवेट एवं सरकारी अस्पतालों में दी जाएगी।
- PMJAY-MA योजना गरीब लोगों को बीमारियों से बचाने और उनके इलाज की चिंता से मुक्ति दिलाने का मिशन है, जिसका हिस्सा आप बन सकते हैं।
पीएमजेएवाई-एमए योजना: पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सितंबर 2021 से लेकर अब तक 50 लाख PMJAY-MA कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
- इन कार्डों के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिए जाएंगे, जिसका आरंभ 17 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया।
- यह शुरुआत गुजरात में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की है।
- उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई लाभार्थियों से बातचीत भी की है।